फिशर एक प्रकार की बीमारी है जिसमें मलाशय या गुदा के आसपास की त्वचा में छेद या दरार पड़ जाती है। इससे बहुत दर्द और तकलीफ होती है।
आयुर्वेद के अनुसार, फिशर के कारण हैं:
१. कब्ज
२. अति दर्द
३. मलाशय की सफाई नहीं होना
४. पित्त दोष का असंतुलन
आयुर्वेदिक उपचार में शामिल हैं:
१. आहार परिवर्तन: फाइबर युक्त आहार, फल, सब्जियां, और पानी की मात्रा बढ़ाना।
२. मलाशय की सफाई: मलाशय को साफ और सूखा रखना।
३. योग और व्यायाम: मलाशय के आसपास की मांसपेशियों को मजबूत बनाना।
४. आयुर्वेदिक औषधियां: पित्त दोष को संतुलित करने और मलाशय की त्वचा को मजबूत बनाने के लिए।
५. क्षार कर्म: मलाशय के आसपास की त्वचा को साफ और मजबूत बनाने के लिए।
कुछ आयुर्वेदिक औषधियां जो फिशर के लिए उपयोगी हैं:
१. त्रिफला
२. हरीतकी
३. अमलकी
४. कुमारी
५. गुग्गुल
ये औषधियां पित्त दोष को संतुलित करती हैं और मलाशय की त्वचा को मजबूत करती हैं। लेकिन, इन औषधियों का सेवन करने से पहले एक आयुर्वेदिक डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए